Place this code on every page across your site and Google will automatically show ads in all the best places for you site's HTML. This script loads the relevant amp-auto-ads libraries. बोन शंक्वाकार प्रक्षेप ( Bonne's Conical Projection) Use, meaning, Definition, merits,founder,Map projection, विशेषताएं, उपयोग, रचना,

बोन शंक्वाकार प्रक्षेप ( Bonne's Conical Projection) Use, meaning, Definition, merits,founder,Map projection, विशेषताएं, उपयोग, रचना,

बोन प्रक्षेप ( Bonne's Projection) 
📝..  सामान्य परिचय :-
बोन प्रक्षेप एक शंक्वाकार मानचित्र प्रक्षेप है।  • इस प्रक्षेप का निर्माण सर्वप्रथम रिगोबर्ट बोन ने किया था। तथा इसे इनके नाम पर बोन प्रक्षेप कहा जाता है। 
• यह एक समक्षेत्र प्रक्षेप है। अतः इसे बोन का समक्षेत्र शंकु प्रक्षेप भी कहा जाता है।
• बोन प्रक्षेप एक संशोधित शंकु प्रक्षेप है।
इस प्रक्षेप की रचना एक मानक अक्षांश वाले साधारण शंकु प्रक्षेप से मिलती है।
• इस प्रक्षेप में देशांतर रेखाएं बनाने के लिए समस्त अक्षांश वृत्तो का विभाजन किया जाता है। (जबकि एक मानक अक्षांश वाले शंक्वाकार प्रक्षेप में देशांतर रेखाएं बनाने के लिए मानक अक्षांश का ही विभाजन किया जाता है )
बोन प्रक्षेप के रेखा जाल की तुलना सैन्सन फ्लैम्सटीड़ के समक्षेत्र प्रक्षेप से की जाती है
📝.. प्रमुख विशेषताएं :-
इस प्रक्षेप में केंद्रीय मध्याह्न रेखा एक सरल रेखा होती है।
सभी देशांतर रेखाओं की आकृति वक्राकार होती है।
• सभी अक्षांश वृत्त शंकु के शीर्ष को केंद्र मानकर खींचे गए संकेंद्रीय वृत्तो के चाप होते हैं तथा इनके बीच की दूरी समान होती है।
• इस प्रक्षेप में समस्त अक्षांश वृत्त केंद्रीय मध्याह्न रेखा को समकोण पर विभाजित करते हैं।
• केंद्रीय मध्याह्न रेखा से पूर्व तथा पश्चिम की ओर दूरी बढ़ने पर अक्षांश वृत्तो तथा देशांतर रेखाओं के प्रतिच्छेदन अत्यधिक तिरछे हो जाते हैं।
प्रक्षेप में सभी अक्षांश वृत्तो की लंबाई शुद्ध होती है। अतः इस प्रक्षेप में ध्रुव एक बिंदू द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
• इस प्रक्षेप में अलग-अलग अक्षांश वृत्तो पर भी देशांतर रेखाओं के बीच की दूरी समान होती है।
इस प्रक्षेप में समस्त अक्षांश वृत्तो एवं केंद्रीय मध्याह्न रेखा पर मापनी शुद्ध होती है।
• इस प्रक्षेप में केंद्रीय मध्याह्न रेखा से दूरी बढ़ने के साथ-साथ देशांतर रेखाओं की मापनी भी बढ़ती जाती है। जिस कारण किनारों के समीप स्थित क्षेत्रों की आकृति में अत्यधिक विकृति आ जाती है
📝.. बोन प्रक्षेप का उपयोग :-
• बोन प्रक्षेप पर केवल एक ही गोलार्द्ध का मानचित्र निर्मित किया जा सकता है।
इस प्रक्षेप का उपयोग कम देशांतरीय विस्तार वाले क्षेत्रों को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है।
 • यदि केंद्रीय मध्यान रेखा 70 डिग्री पश्चिम हो तो इस प्रक्षेप पर  चिली का एक आदर्श मानचित्र निर्मित किया जा सकता है।
• इस प्रक्षेप का उपयोग मध्य अक्षांशों के वितरण एवं सांख्यिकी  मानचित्रों के  निर्माण के लिए अधिक किया जाता है।
• इस प्रक्षेप का उपयोग यूरोप, एशिया, उत्तरी अमेरिका , दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया तथा अन्य बड़े-बड़े क्षेत्रों के मानचित्र बनाने के लिए इन महाद्वीपों की मानचित्रावलियों में किया जाता है।
• इस प्रक्षेप पर अफ्रीका महाद्वीप के देशों का मानचित्र निर्मित नहीं किया जा सकता है।
यह प्रक्षेप भारत का मानचित्र बनाने के लिए उपयोगी है।
इस प्रक्षेप पर  फ्रांस, स्वीटजरलैंड तथा बेल्जियम आदि देशों के स्थलाकृतिक मानचित्र निर्मित किए जाते हैं। 

Thanks for Reading... Like comment and share this post... Follow my blog .🙏🙏

एक टिप्पणी भेजें

2 टिप्पणियाँ

Please do not enter any spam link in the comment box.