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नम भूमि(आर्द्र भूमि) क्षेत्र Watlands meaning, Definition, importance, wetlands of india and world, ecology of Watlands, world wetland Day,

      
        नम भूमि (आर्द्र भूमि) क्षेत्र
            [Wetland -Zone]
• सामान्य परिचय :-
 जैव विविधता एवं पर्यावरण संरक्षण तथा संतुलन के दृष्टिकोण से नम भूमि का विशेष महत्व होता है। विश्व के लगभग सभी भागों में नम भूमियाँ पाई जाती हैं। नम भूमियों की पहचान भौतिक जैविक एवं रासायनिक अवयवों के आधार पर की जाती है। नम भूमि विभिन्न प्रकार के जीव जंतुओं, सूक्ष्म जीवों व वनस्पतियों के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ उपलब्ध करवाती है। जो इनके विकास और संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देती है। नम भूमियांँ वनों की भांति हमारे लिए उपयोगी है।
• नम भूमि का अर्थ एवं परिभाषा :-
 नम भूमि से तात्पर्य उस क्षेत्र से है, जहाँ किसी विशेष मौसम अथवा अन्य समय में सदैव  जल का जमाव बना रहता है। नम भूमि मुख्यतः दलदली क्षेत्र, उथले पानी के क्षेत्र, बाढ़ के मैदान , मैंग्रोव, नदियों के मैदान, झीलो, नहरों, तालाबों तथा उथले समुद्री क्षेत्रों के रूप में पाई जाती है।
• रामसर कन्वेंशन के अनुसार दलदली, रुके हुए या लवण युक्त जल के साथ 6 मीटर तक की लहरों वाला समुद्री क्षेत्र नम भूमि क्षेत्र के अंतर्गत शामिल किया जाता है।
नम भूमि क्षेत्र स्थिर नहीं रहता है। क्योंकि नहरों,  कृत्रिम झीलों, बांधों आदि के बनाए जाने से नए नम भूमि क्षेत्र का निर्माण हो जाता है।
• वर्ष 1992 में उपग्रह सर्वेक्षण के द्वारा प्राप्त आंकड़ों से यह ज्ञात होता है कि भारत में नम भूमियों का क्षेत्रफल लगभग 35 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
• इंटरनेशनल कंजर्वेशन मॉनिटरिंग सेंटर के अनुसार वैश्विक स्तर पर 57 करोड हेक्टेयर भूमि से अधिक क्षेत्र में नम भूमियों का विस्तार पाया जाता है। जो समस्त पृथ्वी के भूभाग का लगभग 6-7 % है।
• नम भूमियों की उपयोगिता :-
जैवविविधता एवं पर्यावरण की दृष्टि से नम भूमियाँ विशेष महत्वपूर्ण होती है। यह हमारे लिए निम्नलिखित रुप में उपयोगी है।
1. जैवविविधता को बनाए रखने में नम भूमियाँ विशेष रूप से सहायक होती है, क्योंकि ये जीव- जंतुओं को पोषक व प्रजनन से जुड़ी अनुकूल परिस्थितियाँ प्रदान करती है तथा उन्हें सुरक्षित वासस्थल भी उपलब्ध कराती है।
2. नम भूमियाँ जातिगत विविधता को बनाए रखने में विशेष योगदान देती है।
3.नम भूमियाँ ऑक्सीजन की सर्वोत्तम स्रोत होती है। यह तापमान को भी संतुलित बनाए रखती हैं।इस प्रकार पर्यावरण संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
4. नम भूमियांँ आंधी तूफानों को रोकती है तथा वायु एवं जल चक्र को नियत बनाए रखती है।
5. ये बाढ़ को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
6. मैंग्रोव नम भूमियाँ समुद्री तूफानों,चक्रवातो से होने वाली हानि को कम करती हैं तथा समुद्री कटाव को भी रोकती है।
7. नम भूमियाँ जलीय जीवों एवं पक्षियों की शरण स्थली होती है। उन्हें विचरण का अनुकूलन स्थान भी प्रदान करती है।
8. नम भूमियाँ जीव जंतुओं के लिए पीने के पानी का महत्वपूर्ण स्रोत है। इनमें स्थित जल जीव जंतुओं के आहार का महत्वपूर्ण स्रोत होता है।
• विश्व आर्द्रभूमि सम्मेलन एवं विश्व आर्द्रभूमि दिवस :- 
2 फरवरी 1971 को ईरान के रामसर नामक शहर में पहली बार नम भूमियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में नम भूमियों के संरक्षण के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समझौता संपन्न हुआ। जिसका अंतरराष्ट्रीय महत्व है। 
यह संधि सर्वप्रथम 21 दिसंबर 1975 को अस्तित्व में आयी। 
• भारत में इस संधि पर 1 फरवरी 1982 को हस्ताक्षर किए।
• इसी परिप्रेक्ष्य में वर्ष 1997 से 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस (world wetland Day) के रूप में मनाए जाने की शुरुआत हुई।
विश्व आर्द्रभूमि दिवस सर्वप्रथम 2 फरवरी 1997 को रामसर सम्मेलन के 16 वर्ष पूर्ण होने पर मनाया गया था।
रामसर में हुए समझौते पर 127 देशों ने हस्ताक्षर किए तथा अपने देश में नम भूमियों के संरक्षण हेतु प्रतिबद्धता का वचन दिया।
• वर्तमान में  158 अनुबंधित देशों के कुल 1828 नम भूमि क्षेत्रों को रामसर सूची में शामिल किया जा चुका है। 
वर्तमान में विश्व में 2400 रामसर वेटलैंड साइट्स है। जो 2.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत है।
विश्व की प्रथम रामसर साइट Cobourg Peninsula(ऑस्ट्रेलिया) में 1974 में बनाई गई थी।
विश्व में सर्वाधिक नम भूमि क्षेत्र ब्रिटेन में है।
• भारत की नम भूमि या या वेटलैंड्स  :- भारत में वेटलैंड ठंडे एवं शुष्क क्षेत्रों से लेकर मध्य भारत के उष्णकटिबंधीय मानसूनी क्षेत्रों एवं दक्षिणी भारत के नाम चित्रों में पाई जाती हैं। 
भारत में आर्द्र भूमि के संरक्षण और प्रबंधन के लिए वर्ष 2012-13 में राष्ट्रीय आर्द्र भूमि संरक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया था।
भारत में 49 आर्द्र भूमि क्षेत्रों को रामसर सूची में सम्मिलित किया गया है। भारत में स्थित आर्द्र भूमियाँ निम्नलिखित है।




1.चिल्का झीलओडिशा1981
2.केवलादेव राष्ट्रीय उद्यानराजस्थान1981
3.लोकटक झीलमणिपुर1990
4.वुलर झीलजम्मू-कश्मीर1990
5.हरिके झीलपंजाब1990
6.सांभर झीलराजस्थान1990
7.कंजली झीलपंजाब2002
8.रोपड़ वेटलैंडपंजाब2002
9.कोलेरु झीलआंध्र प्रदेश2002
10.दीपोर बीलअसम2002
11.पोंग बांध झीलहिमाचल प्रदेश2002
12.त्सो मोरीरी झीललद्दाख2002
13.अष्टमुडी झीलकेरल2002
14.सस्थमकोट्टा झीलकेरल2002
15.वेम्बनाड-कोल आर्द्रभूमिकेरल2002
16.भोज वेटलैंडमध्य प्रदेश2002
17.भितरकनिका मैंग्रोवओडिशा2002
18.प्वाइंट कैलिमेरे वन्यजीव और पक्षी अभयारण्यतमिलनाडु2002
19.पूर्व कोलकाता आर्द्रभूमिपश्चिम बंगाल2002
20.चंदेरटल वेटलैंडहिमाचल प्रदेश2005
21.रेणुका वेटलैंडहिमाचल प्रदेश2005
22.होकेरा वेटलैंड / होकेर्सर वेटलैंडजम्मू और कश्मीर2005
23.सुरिंसर और मानसर झीलजम्मू और कश्मीर2005
24.रुद्रसागर झीलत्रिपुरा2005
25.ऊपरी गंगा नदी (ब्रजघाट से नरौरा खिंचाव)उत्तर प्रदेश2005
26.नालसरोवर पक्षी अभयारण्यगुजरात2012
27.सुंदरवन डेल्टा क्षेत्रपश्चिम बंगाल2019
28.नंदुर मध्यमेश्वरमहाराष्ट्र2019
29.नवाबगंज पक्षी अभयारण्यउत्तर प्रदेश2019
30.केशोपुर मिआनी कम्युनिटी रिजर्वपंजाब2019
31.व्यास संरक्षण रिजर्वपंजाब2019
32.नांगल वन्यजीव अभयारण्यपंजाब2019
33.साण्डी पक्षी अभयारण्यउत्तर प्रदेश2019
34.समसपुर पक्षी अभयारण्यउत्तर प्रदेश2019
35.समन पक्षी अभयारण्यउत्तर प्रदेश2019
36.पार्वती अरगा पक्षी अभयारण्यउत्तर प्रदेश2019
37.सरसई नावर झीलउत्तर प्रदेश2019
38.आसन कंजर्वेशन रिजर्वउत्तराखंड2020
39.काबर तालबिहार2020
40.लोनार झीलमहाराष्ट्र2020
41.सुर सरोवर झील / कीथम झीलउत्तर प्रदेश2020
42.त्सो कर आर्द्रभूमि क्षेत्रलद्दाख2020
43.सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यानहरियाणा2021
44.भिड़ावास वन्यजीव अभ्यारण्यहरियाणा2021
45.थोल झील वन्यजीव अभ्यारण्यगुजरात2021
46.वाधवाना आर्द्रभूमि क्षेत्रगुजरात2021
47.हैदरपुर वेटलैंडउत्तर प्रदेश2021
48.खिजड़िया पक्षी अभयारण्यगुजरात2022
49.बखिरा वन्यजीव अभयारण्यउत्तर प्रदेश2022

• वेटलैंड केेे संदर्भ में महत्वपूर्ण्ण तथ्य :-
1. विश्व का प्रथम वेटलैंड Cobourg Peninsula (ऑस्ट्रेलिया , 1974) है। 
2.भारत का सबसे बड़ा वेटलैंड सुंदरवन (पश्चिमी बंगाल) है।
3. भारत का प्रथम वेटलैंड चिल्का झील (ओड़ीसा) तथा केवलादेव घना पक्षी विहार (राजस्थान) है।
4. भारत का सबसे छोटा वेटलैंड रेणुका आर्द्र भूमि (हिमाचल प्रदेश) है।
5. भारत में सर्वाधिक वेटलैंड साइट उत्तर प्रदेश में है। उत्तर प्रदेश में कुल 10 रामसर साइट है।
6. भारत में कुल रामसर साइट की संख्या वर्तमान में 49 है।
6. हरियाणा पहली बार वेटलैंड साइट में (2021) शामिल हुआ है।
7. भिंडावास झील वन्य जीव अभ्यारण हरियाणा की सबसे बड़ी नम भूमि है। यह एक मानव निर्मित आर्द्र भूमि है। 
8.थोल झील आर्द्र भूमि गुजरात को (ESZ) इको सेंसेटिव जोन बनाने की योजना है।
वेटलैंड्स ऑफ इंडिया पोर्टल का शुभारंभ :- वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने वेटलैंड्स ऑफ इंडिया पोर्टल का शुभारंभ 2 अक्टूबर 2021 को किया। इसका पोर्टल का उद्देश्य आर्द्र भूमि के विषय में विस्तृत जानकारी देना है। इसे जैव विविधता और जलवायु संरक्षण के लिए आर्द्र भूमि प्रबंधन वेटलैंड प्रोजेक्ट के तहत विकसित किया गया है। 
• यह परियोजना अंतरराष्ट्रीय जलवायु पहल के तहत पर्यावरण, प्रकृति संरक्षण और परमाणु सुरक्षा के लिए जर्मन संघीय मंत्रालय द्वारा शुरू की गई है।
• विश्व आर्द्रभूमि दिवस (World wetland Day) :- विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2 फरवरी को मनाया जाता है।
• वर्ष 2021 में रामसर कन्वेंशन के 50 साल पूरे हुए हैं। जिस के उपलक्ष्य में भारत में 2 फरवरी 2021 को वेटलैंड दिवस मनाया गया।
भारत  में प्रथम " सेंटर फॉर वेटलैंड कंजर्वेशन एंड मैनेजमेंट "  की घोषणा की गई है। 
•  भारत की कुल भूमि के 4.6 प्रतिशत भाग पर वेटलैड का विस्तार है।
• वर्ल्ड वेटलैंड डे की थीम :-
(1.) 2019 - आर्द्र भूमि और जलवायु परिवर्तन (Watlands and Climate change)  
(2.) 2020 - आर्द्र भूमि और जैव विविधता (Wetlands and Biodiversity) 
(3.) 2021 - आर्द्र भूमि और जल (Wetlands and Water) 

"  Save Water Save Life "
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