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" कांगो बेसिन के पिग्मी [The Pygmies of Congo basin /African pygmies ] "
👉 सामान्य परिचय :- अफ्रीका के भूमध्य रेखीय वर्षा वनों में निवास करने वाली पिग्मी जनजाति के लोग अत्यंत छोटे एवं नाटे कद के होते है। पिग्मी लोगों को नीग्रीटो के नाम से भी जाना जाता है। पिग्मी लोगों को सबसे प्राचीन आदिकालीन मानव माना जाता है। आरंभिक विकासवादियों द्वारा इस मानव समुदाय को पशुओं के अधिक निकट माना गया है। पिग्मी लोग भूमध्य रेखीय वनों से कंद ,मूल, फल, बेर, खाने योग्य पत्तियाँ, कीड़े,…
कालाहारी मरुस्थल के बुशमैन (सान)(The BUSHMEN or SAN Of Kalahari desert)👉 सामान्य परिचय:- बुशमैन दक्षिण अफ्रीका के कालाहारी मरुस्थल में घुमक्कड़ जीवन व्यतीत करने वाली आदिम जनजाति है। • बुशमैन पारंपरिक रूप से आखेटक, शिकारी तथा भोजन संग्राहक लोग है। जो 30 से 100 व्यक्तियों के छोटे-छोटे दलों में निवास करते है। • बुशमैन को सान, कोसाॅन, बसारवा, रव्वी आदि नामो से भी जाना जाता है। • बुशमैन शब्द वर्तमान समय में निंदात्मक समझा जाता है। ये लोग अपने को सान कहलवाना पसंद करते है। • सन् 200…
Know more »📝... कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार भारत के जलवायु प्रदेश (Climatic Regions of India According to koppen) :- • सामान्य परिचय :- जर्मन जलवायु विज्ञानवेत्ता एवं वनस्पति वैज्ञानिक ब्लाडीमीर कोपेन ने सर्वप्रथम सन् 1900 में विश्व की जलवायु का वर्णात्मक वर्गीकरण प्रस्तुत किया। कोपेन ने इस वर्गीकरण में अनेक बार (1918 एवं 1931) परिमार्जन एवं संशोधन किये। अंततः पूर्ण संशोधित रूप में कोपेन ने अपना जलवायु वर्गीकरण सन 1936 में प्रस्तुत किया। • कोपेन ने अपने जलवायु वर्गीकरण में तापम…
Know more »" भारत की भूगर्भिक संरचना " (Geological Structure of India )• सामान्य परिचय :- भारत की भूगर्भिक संरचना के अनुसार यहांँ पर प्राचीनतम चट्टानों से लेकर नवीनतम चट्टानें पायी जाती है। भारत में अत्यधिक प्राचीन आर्कियन तथा प्री-कैंब्रियन युग की चट्टानें पायी जाती है। दूसरी ओर यहाँ क्वार्टरनरी युग की नवीनतम चट्टानें भी पायी जाती है। भारत में भूगर्भिक संरचना की दृष्टि से निम्नलिखित चट्टानें पायी जाती है। (1.) आर्कियन समूह की चट्टानें :- (अ )आर्कियन क्रम की चट्टानें। (ब …
Know more »प्रवास कटिबंध सिद्धांत या कटिबंध एवं स्तर सिद्धांत (Migration zone theory or Zone and strata theory ) :-📝... सामान्य परिचय :- प्रवास कटिबंध सिद्धांत का प्रतिपादन अमेरिकी विद्वान ग्रिफिथ टेलर ने सन 1919 में किया था। यह सिद्धांत मानव प्रजातियों के उद्भव और विकास से संबंधित एक नवीनतम सिद्धांत है। • इस सिद्धांत को कटिबंध एवं स्तर सिद्धांत के नाम से भी जाना जाता है। • यह सिद्धांत मुख्यतया जलवायु परिवर्तन पर आधारित है। • ग्रिफिथ टेलर के प्रवास कटिबंध सिद्धांत पर डार्विन के विकासवाद…
Know more »एस्किमो जनजाति (Eskimo) 📝... सामान्य परिचय :- शीत प्रधान टुंड्रा प्रदेश अत्यधिक शीतल तथा हिमाच्छादित क्षेत्र है। यह प्रदेश आर्कटिक महासागर के चारों ओर विस्तृत है। इसके अंतर्गत ग्रीनलैंड, उत्तरी कनाडा तथा यूरेशिया के उत्तरी भाग सम्मिलित है। यह समस्त प्रदेश लगभग जनविहीन प्रदेश है। आर्कटिक और अंटार्कटिक टुंड्रा प्रदेशों में मानव व्यवहार मुख्यतया पर्यावरण द्वारा नियंत्रित है। आर्केटिक प्रदेश पर्यावरण नियतिवाद का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करता है। यहांँ निवास करने वाली जनजातियों क…
Know more »आभ्यंतरिक स्थलाकृतियाँ (instrusive Topography) :-जब ज्वालामुखी के उद्गार के समय गैस एवं वाष्प की तीव्रता में कमी होती है। तो लावा धरातल के ऊपर न आकर धरातल के नीचे ही दरारों में प्रविष्ट होकर ठोस रूप धारण कर लेता है। परिणाम स्वरूप धरातल के नीचे अनेक स्थलरूपों का निर्माण होता है। इन्हें आंतरिक अथवा आभ्य्यंतरिक स्थलरूप कहते हैं। ये स्थल रूप निम्नलिखित है। (1 ) बैथोलिथ (2 ) लैकोलिथ (3 ) फैकोलिथ (4 ) लोपोलिथ (5 ) डाइक (6 ) सील • बैथोलिथ (Batholith) :- बैथोलिथ जर्मन भाषा का शब्द है जिस…
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