जीवन परिचय :-
ज्यामिति की अनेक आधारभूत प्रमेयो के जन्मदाता थेल्स का जन्म एजियन सागर के पूर्वी तट पर स्थित मीलेटस नगर में हुआ था। थेल्स प्रथम यूनानी विचारक गणितज्ञ , दार्शनिक एवं खोजी यात्री थे। थेल्स एक व्यापारी थे । इन्होंने व्यापार हेतु मिस्र की यात्रा की ।मिश्र वासियों द्वारा प्रयुक्त ज्यामितीय प्रणाली से अत्यधिक प्रभावित हुए , स्वदेश लौटने पर अपने देशवासियों को इस विधि से परिचित करवाया । थेल्स ने अपने जीवन काल अनेक समीपवर्ती देशों की यात्राऐं की तथा यात्राओं के दौरान अनेक खोजे भी की।
भूगोल में योगदान :-
1. थेल्स में ओयोनियन दर्शन की स्थापना की अतः इन्हें ओयोनियन दर्शन का पिता कहते हैं।
2. थेल्स का गणितीय भूगोल के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। इन्होंने ज्यामिति की अनेक प्रमेयो की रचना की एवं ज्यामिति के 6 सूत्रों का प्रतिपादन किया। 3. थेल्स ने समस्त भूमंडल को पांच जलवायु प्रदेशों में विभक्त किया।
4. थेल्स ने पृथ्वी को गोल आकार की चपटी तश्तरी के समान जल पर तैरते हुए माना तथा पृथ्वी को ब्रह्मांड के मध्य में माना।
6. थेल्स ने मिस्र की यात्रा के दौरान बताया कि नील नदी दो नदियों बाहेल गजल (श्वेत नील ) और बाहेल अजरक (नीली नील ) के मिलने से निर्मित हुई है।
7.थेल्स प्रथम यूनानी विद्वान थे जिन्होंने पृथ्वी के तल पर विभिन्न स्थानों की स्थिति के निर्धारण की दिशा में सार्थक प्रयत्न किया। इन्होंने पृथ्वी को नापने एवं पृथ्वी के तल पर स्थानों को अंकित करने का प्रयत्न किया। 8.इन्होंने प्राकृतिक विज्ञान एवं दर्शनशास्त्र के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अतः इन्हें प्राकृतिक विज्ञान एवं दर्शन शास्त्र का पिता भी कहा जाता है।
9.थेल्स को यूनान का प्रथम् चिंतक एवं दार्शनिक माना जाता है।
इस प्रकार स्पष्ट है कि थेल्स का भूगोल में योगदान अतुलनीय एवं प्रशंससनीय है।
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2 टिप्पणियाँ
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