(POLYCONIC PROJECTION)
📝... सामान्य परिचय :-
•बहुशंकुक प्रक्षेप एक शंक्वाकार प्रक्षेप है।
• यूरोप में इसे अमेरिकन बहुशंकुक प्रक्षेप के नाम से जाना जाता है।
• बहुशंकुक प्रक्षेप का निर्माण सर्वप्रथम 1820 में स्वीड़स अमेरिकन मानचित्रकार फर्डिनेंड रुडोल्फ हैसलर (Ferdinand Rodolph Hassler) ने किया था।
• इस प्रक्षेप की रचना के समय प्रक्षेप में प्रदर्शित किए जाने वाले अक्षांश वृत्तो पर अलग-अलग कागज के शंकु रखे जाने की कल्पना की जाती है। अतः इसे बहुशंकुक प्रक्षेप कहते हैं।
• यह एक संशोधित शंक्वाकार प्रक्षेप है।
• इस प्रक्षेप में प्रत्येक अक्षांश वृत्त मानक अक्षांश होता है।
• इस प्रक्षेप में शंकुओं के शीर्ष एक बिंदु पर नहीं होते हैं। अतः अक्षांश वृत्त संकेंद्रीय वृत्तो के चाप नहीं होते हैं।
• इस प्रक्षेप में देशांतर रेखाओं की आकृति वक्राकार होती है।( अक्षांश वृत्त असंकेंद्रीय चाप के रूप में होते हैं। )
• इस प्रक्षेप में प्रत्येक अक्षांश वृत्त को एक मानक अक्षांश वाले शंकु प्रक्षेप के समान निर्मित किया जाता है।
• बहुशंकुक प्रक्षेप में देशांतर रेखाऐं बोन प्रक्षेप के समान बनाई जाती है।
📝... प्रक्षेप की विशेषताएं :-
(1.) इस प्रक्षेप में अक्षांश वृत्त असंकेंद्रीय चाप के रूप में होते हैं।
(2.)इस प्रक्षेप में भूमध्य रेखा को एक सरल रेखा के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।
(3.) इस प्रक्षेप में केंद्रीय मध्याह्न रेखा पर अक्षांश वृत्तो के बीच की दूरी समान होती है। परंतु इस रेखा के पूर्व एवं पश्चिम की ओर जाने पर अक्षांश वृत्तो के बीच का अंतर बढ़ता जाता है।
(3.) इस प्रक्षेप में केंद्रीय मध्याह्न रेखा एक सरल रेखा होती है।
(4.) इस प्रक्षेप में केंद्रीय मध्याह्न रेखा को छोड़कर शेष देशांतर रेखाओं की आकृति वक्राकार होती है।
(5.) इस प्रक्षेप में केंद्रीय मध्याह्न रेखा अक्षांश वृत्तो को समकोण पर काटती है। जबकि अन्य देशांतर रेखाऐं अक्षांश वृत्तो को तिरछा काटती है।
(6.) इस प्रक्षेप में अक्षांश वृत्तो तथा देशांतर रेखाओं के प्रतिच्दछेन का यह तिरछापन केंद्रीय मध्याह्न रेखा से दूरी बढ़ने के साथ-साथ बढ़ता जाता है।
(7.) इस प्रक्षेप में समस्त अक्षांश वृत्तो एवं केंद्रीय मध्याह्न रेखा पर मापनी शुद्ध होती है।
📝... बहुशंकुक प्रक्षेप के दोष :-
• यह प्रक्षेप समक्षेत्रफल प्रक्षेप नहीं है।
• यह प्रक्षेप यथाकृतिक प्रक्षेप भी नहीं है।
📝... बहुशंकुक प्रक्षेप का उपयोग :-
• इस प्रक्षेप पर कम देशांतरीय विस्तार वाले छोटे-छोटे देशों एवं क्षेत्रों के मानचित्र निर्मित किये जा सकते हैं।
• बहुशंकुक प्रक्षेप पर संयुक्त राज्य अमेरिका में विभिन्न प्रकार के स्थलाकृतिक मानचित्र निर्मित किए जाते हैं।
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